काली मिर्च का सेवन मौसम की बदलती परिस्थितियों जैसे खांसी, जुकाम, एलर्जी के कारण होने वाली बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है, सर्दियों के मौसम में काली मिर्च का सेवन न केवल आपको स्वस्थ रखता है बल्कि आपको खांसी और जुकाम से भी बचाता है। आइए जानते हैं कि काली मिर्च हमारी बीमारियों से कैसे छुटकारा दिलाती है।
काली मिर्च स्वाद के साथ सेहत को भी बढ़ाती है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटिन के अलावा कई पोषक तत्व होते हैं जो इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों से बचाव में किया जाता है। इसको सुबह के समय खाली पेट चबाने से अधिक लाभदायक होता है।
सर्दी-जुकाम: सर्दी-जुकाम होने पर इसका काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी-जुकाम के साथ गले की समस्या में राहत मिलती है।
जिनको गैस और एसिडिटी की समस्या रहती है, वे आधा कटे नींबू पर काला नमक और कालीमिर्च लगाकर हल्का गर्म कर लें और इसको धीरे-धीरे चूसें। आराम मिलेगा।
एंटीडिप्रेसेंट के गुण होते हैं। जिन लोगों को डिप्रेशन की समस्या है, उनके लिए काली मिर्च काफी लाभकारी होती है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए ज्यादा मात्रा में न लें।
विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लेवोनॉयड और एंटीऑक्सीडेंट के साथ और भी कई तत्व मौजूद होते हैं जो कैंसर से लडऩे में मददगार हैं। इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कुछ हद तक घटता है।
सुबह गर्म पानी में कालीमिर्च, हल्दी, अदरक और नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और मोटापा कम होता है। हल्दी में करक्यूमिन होता है जो कालीमिर्च के पिपराइन से मिलकर अधिक काम करती है।
चेहरे पर मुहासें या पिम्पल की समस्या है तो काली मिर्च फायदेमंद है। यह पिम्पल्स की समस्या से निजात पाने का सबसे आसान तरीका है। रोज सुबह खाली पेट तीन काली मिर्च को पीस कर उसका सेवन करें। इसके अलावा काली मिर्च को पीस कर पिम्पल वाली जगह लगाने से भी इस समस्या से जल्द निजात पाया जा सकता है।
काली मिर्च के पाउडर को खाने में इस्तेमाल करने से पेट में कीडों की समस्या दूर होती है। काली मिर्च के साथ किशमिश खाने से यह समस्या बार-बार नहीं होती।
आपका ब्लड प्रेशर बढ़ गया हो तो 5 काली मिर्च का पाउडर को आधे गिलास पानी में मिलाकर पीएं। बीपी कंट्रोल होने लगेगा।
काली मिर्च मसूड़ों की कमजोरी दूर करने के लिए एक अनमोल रतन मानी जाती है | काली मिर्च , माज़ुफ्ल , सेंदा नमक तीनो को बराबर मात्रा में बारीक पीस कर चूरन बना लीजये और एस को अपने हथेली पे रख के तीन बूंद सरसों के तेल में मिला कर मसूड़ों और दांतों पर अछी तरह से लगाये और
गठिया रोग में जो लोग गठिया की समस्या से परेशान हैं वे तिल के गर्म तेल में काली मिर्च को डालकर उसे ठंडा कर लें और बाद में उस तेल से गठिया वाली जगह पर मालिश करें। एैसा करने से दर्द मे आराम मिलेगा। पेट के कीड़े दूर करती है यदि
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