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कफ वाली खांसी, जुकाम और वायरल इंफेक्‍शन में फायदेमंद हैं ये 5 घरेलू उपचार जानें


अगर आपको हर बार मौसम में बदलाव होने पर गले में खराश, खांसी, जुकाम और बुखार होने का खतरा रहता है, तो यह लेख आप अवश्य पढ़ें। श्लेष्म (म्‍यूकस) शरीर के कुछ हिस्सों में एक सुरक्षात्मक लेयर बनाता है, भले ही व्यक्ति अस्वस्थ ही क्‍यों न हो। म्‍यूकस इन क्षेत्रों में सूखापन को रोकता है और हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया सहित अन्‍य संक्रमणों से शरीर की रक्षा भी करता है। श्लेष्म की कुछ मात्रा शरीर के लिए आवश्यक है। हालांकि, म्‍यूकस की अधिकता परेशानी पैदा कर सकता है और कॉमन कोल्‍ड या फ्लू जैसे संक्रमण को जन्म दे सकता है। इस लेख में, हम उन घरेलू उपचारों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो सर्दी, फ्लू और गले में खराश को रोकने में मदद कर सकते हैं। ल्यूक कौटिन्हो ने अपने इंस्‍टाग्राम पोस्‍ट में ये जानकारी दी है।

मौसम में बदलाव के दौरान बीमार पड़ने से बचाव के घरेलू उपाय:

1. मेथीदाना
मेथीदाना आमतौर पर हर भारतीय रसोई में होते हैं। यह मेथी के बीज के रूप में भी जाना जाता है। इनमे ऐसे यौगिक होते हैं जो बुखार और यहां तक कि बढ़े हुए श्लेष्म को कम करने में मदद कर सकते हैं। अपने सोशल मीडिया के लाइव सेशन में ल्यूक कौटिन्हो का कहना है कि मेथी के बीज का पानी श्लेष्म को ढीला कर सकता है और आपको बार-बार खफ बाहर निकलने को रोकने में मदद कर सकता है। आपको बस इतना करना है कि एक चम्‍मच मेथी के बीज लें और उन्हें 500 मिलीलीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा हो जाए तो इसे नियमित रूप से पीएं।

2. तुलसी की चाय
म्‍यूकस को कम करने के लिए तुलसी के पत्ते प्रभावी हो सकते हैं। आप फ्रेश तुलसी की पत्‍ते ले सकते हैं। आप इसे 10 ग्राम लें। अगर आप सूखे तुलसी के पत्तों का प्रयोग कर रहे हैं तो एक चम्‍मच काफी है। इलायची के एक या दो लौंग के साथ उन्हें पानी में उबालें। इसे मीठा करने के लिए शहद जोड़ें। श्लेष्म और अन्य फेफड़ों के समस्‍याओं का समाधान करने के लिए तुलसी की चाय फायदेमंद हो सकती है।

3. अंगूर
लाल या हरे अंगूरों आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। Coutinho कहते हैं, अंगूर आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो सकता है।

4. मेवे
रात भर भिगोए हुए बादाम (5-7, छिलके के बिना) खाना आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा हो सकता है।
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5. सौंफ के बीज
सौंफ के बीज एक सामान्य किचन सामग्री है। एक चम्मच सौफ लें और इसे पानी में उबालें, जब बर्तन में पानी आधा रह जाए तो इसका सेवन करें। इसे गले में खराश और खांसी के लिए पिएं।
अलग-अलग चाय बनाने के बजाय, आप इन सभी सामग्रियों को एक साथ मिला सकते हैं। मेथी के बीज, तुलसी के पत्ते, इलायची, सौंफ के बीज और कुछ शहद या गुड़ से बनी चाय म्‍यूकस को तोड़ने में मदद कर सकती 

6. सर्दी-जुकाम में शहद है लाभदायक
इसमें कई एंटीबैक्टिरियल और एंटीमाइक्रोबाइल प्रोपर्टीज़ होती हैं. रोज़ाना शहद और नींबू के पानी से गले के दर्द में आराम मिलता है. शहद खांसी दूर करने में काफी सहायक है. लेकिन एक साल से छोटे बच्चों को कभी भी शहद नहीं देना चाहिए, क्योंकि कई बार शहद में बोटुलिनम बीजाणु मौजूद होते हैं जो बच्चों के लिए नुकसानदेयक होता है. ये बीजाणु शहद को गरम करने से भी नहीं मरते.  

7. सर्दी-खांसी में स्टीम भी फायदेमंद
सीज़नल वाइरल की वजह से नाक और गले में खुजली को भाप ठीक कर देती है. ये सर्दी को भी जल्दी ठीक कर देती है. लेकिन स्टीम लेते वक्त ध्यान रखें कि ज़्यादा गरम पानी से भाप ना लें. इससे आप जल सकते हैं. आप चाहे तो हॉट शावर भी ले सकते हैं.

8.हल्दी वाला दूध
बचपन में सर्दियों में नानी-दादी घर के बच्चों को सर्दी के मौसम में रोज हल्दी वाला दूध पीने के लिए देती थी। हल्दी वाला दूध जुकाम में काफी फायदेमंद होता है क्योंकि हल्दी में एंटीआॅक्सीडेंट्स होते हैं जो कीटाणुओं से हमारी रक्षा करते हैं। रात को सोने से पहले इसे पीने से तेजी से आराम पहुचता है. हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज मौजूद रहती है जो की इन्फेक्शन से लडती है. इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षणों में आराम पहुंचाती है.

9.मसाले वाली चाय
अपनी चाय में अदरक, तुलसी, काली मिर्च मिला कर चाय का सेवन कीजिए। इन तीनों तत्वों के सेवन से खांसी-जुकाम में काफी राहत मिलती है।

10.गेहूं की भूसी
जुकाम और खांसी के उपचार के लिए आप गेहूं की भूसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं। गेंहू की भूसी का प्रयोग करने से आपको तकलीफ से निजात मिलेगी।


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