आयुर्वेद ने बार-बार उल्लेख किया है कि ऋतुओं के परिवर्तन के साथ, खाने और आराम करने की आदत भी अटूट रूप से जुड़ी हुई है। सर्दिया आ रही है। इस समय के दौरान शरीर को कई संक्रमणों और पाचन समस्याओं सहित कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानिए कैसे आयुर्वेद आपको जीने की सलाह दे रहा है।
आहार और स्वस्थ जीवन शैली पर प्राचीन काल से ही आयुर्वेद का प्रचलन रहा है। आयुर्वेद ने बार-बार उल्लेख किया है कि ऋतुओं के परिवर्तन के साथ, खाने और आराम करने की आदत भी अटूट रूप से जुड़ी हुई है। सर्दिया आ रही है। इस समय के दौरान शरीर को कई संक्रमणों और पाचन समस्याओं सहित कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानिए कैसे आयुर्वेद आपको जीने की सलाह दे रहा है।
आयुर्वेद और ऋतुचक्र: आयुर्वेद ऋतुओं के अनुरूप रहने का संदेश देता है। इस मामले में, छह ऋतुओं को उत्तरायण और दक्षिणायन में विभाजित किया गया है। ये छह ऋतुएँ हैं ओस (सर्दी), वसंत (बसंत), ग्रीष्म (ग्रीष्म या ग्रीष्म), मानसून (बरसात का मौसम), पतझड़ (शरद ऋतु), शरद ऋतु (सर्दी)। आयुर्वेद कहता है कि हर मौसम का अलग प्रभाव होता है। प्रत्येक मौसम में नए रोगों की संभावना है। इसलिए नियमानुसार भोजन करना जरूरी है।
जानिए इस सर्दियों में आयुर्वेद किस तरह की जीवन शैली की बात कर रहा है।
* आहार में बदलाव करें: आयुर्वेद के अनुसार, भोजन के कई भाग हैं। ये मीठे, नमकीन, खट्टे, कड़वे और कड़वे होते हैं। और आयुर्वेद इस सब के अनुपालन में एक संतुलित आहार खाने के लिए कहता है। हालांकि, यह प्राचीन दवा केवल इस सर्दियों में मीठे, नमकीन और खट्टे खाद्य पदार्थों के बीच संतुलन बनाए रखने की बात कर रही है। इस समय एसिड खाना बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह विटामिन विभिन्न संक्रमणों के साथ-साथ प्रतिरक्षा से बचा सकता है। लेकिन बासी और ठंडे भोजन से दूर रहें।
* पर्याप्त आराम करें: आप सर्दियों में गर्मियों की तरह थकान महसूस नहीं करते हैं। इस समय दिन छोटा है, रात बड़ी है। इसलिए आपको सभी मुद्दों से निपटना होगा। और इस तरह पर्याप्त आराम करें। सुबह जल्दी उठें और रात को जल्दी सो जाएँ।
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम और योग आपको स्वस्थ बनाए रखेंगे। इस सर्दी में विशेषज्ञ सलाह के साथ कुछ योग का अभ्यास करें।
* एक निश्चित नियम का पालन करें: खाना, पीना, व्यायाम करना और साथ ही नियमों के अनुसार आराम करना। ज्यादा देर तक खाली पेट न रहें। नियमित अंतराल पर खाएं। रात को छोटा भोजन करें। रात का खाना बिस्तर पर जाने से तीन घंटे पहले खाएं। भूख लगने पर कुछ हल्का खाएं।
आयुर्वेद कहता है, अधिक मात्रा में मसाले, तेल या वसायुक्त भोजन से बचें। विभिन्न प्रकार की सूप, मौसमी सब्जियां, फल खाएं। गाजर, बीट्स, मूली, साग खाएं। इन सभी के अलावा, हल्दी के साथ मिश्रित गर्म दूध का एक गिलास आपको इस सर्दी में ऊर्जावान बनाए रखेगा। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देता है। सोने जाने से दो से तीन घंटे पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिला कर पिएं। यह आपकी नींद में भी सुधार करेगा।
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