जिंदगी एक हसीन यात्रा है, इस यात्रा में कई ऐसे सहयात्री हमें मिलते हैं जिनके बारे में सोच कर, उन्हें याद कर बेहद खुशनुमा अहसास होता है । कुछ ऐसे भी लोग मिलते हैं, मन-कड़वा हो जाता है । एक बेचैनी और अशांति सी होने लगती है । हालाँकि मन एक स्वतंत्र पंक्षी है यादों की बगिया के कब किस डाल पर बैठ जाए, इसका पता तो हमें भी नहीं चलता , लेकिन कई बार अकेले में या कुछ ख़ास लोगों के साथ मिलकर हम अपने जीवन में आये किरदारों को याद करते हैं । तो इसलिए आज हम अपने अनुभवों के आधार पर आपको बताने जा रहे हैं कि 3 लोगों को भूल से भी याद न करें ।
3- प्रेमी या प्रेमिका को शादी के बाद बिलकुल न याद करें : कई बार जीवन में जब हम अकेले होते हैं तो अपने दोस्तों-मित्रों को याद करते हैं । उनके बारे में अपने घर-परिवार में बात करते हैं । लेकिन भूल के भी कॉलेज टाइम की अपनी प्रेमी या प्रेमिका को याद करने का जोखिम न उठाये । खासकर पति इससे बचें, अन्यथा जो बेलन आज-कल लोहे वाले भी आ रहे हैं ।
2- दगाबाज दोस्तों को - जीवन में कई ऐसे स्वार्थी दोस्त भी मिलते हैं, कई बार बड़ा गेम खेल कर दोस्ती के रिश्ते को कलंकित कर देते हैं । कई बार तो दगाबाजी के किस्से ऐसे होते हैं, जिन्हे पत्नी या बच्चों से शेयर भी नहीं किया जाता है । मसलन किसी लड़की और दोस्त संग ट्रायंगल लव के किस्से वगैरह ।ऐसे मामलों में दगाबाजी करने वाले शातिर दोस्तों को याद करने के अंदर ही अंदर घुंटन महसूस करने से कोई भला नहीं होना है । इसलिए इन्हे क्यों याद करें ।
1- मुर्ख दुश्मन को : दुश्मन अगर चालाक हो तो उससे कुछ सीखा जा सकता है, लेकिन अगर दुश्मन मुर्ख और अशिक्षित हो तो उसे भूलकर आगे बढ़ना ही आपकी बुद्धिमानी होगी । मुर्ख दुश्मन को भूकर भी याद न करें ।
3- प्रेमी या प्रेमिका को शादी के बाद बिलकुल न याद करें : कई बार जीवन में जब हम अकेले होते हैं तो अपने दोस्तों-मित्रों को याद करते हैं । उनके बारे में अपने घर-परिवार में बात करते हैं । लेकिन भूल के भी कॉलेज टाइम की अपनी प्रेमी या प्रेमिका को याद करने का जोखिम न उठाये । खासकर पति इससे बचें, अन्यथा जो बेलन आज-कल लोहे वाले भी आ रहे हैं ।
2- दगाबाज दोस्तों को - जीवन में कई ऐसे स्वार्थी दोस्त भी मिलते हैं, कई बार बड़ा गेम खेल कर दोस्ती के रिश्ते को कलंकित कर देते हैं । कई बार तो दगाबाजी के किस्से ऐसे होते हैं, जिन्हे पत्नी या बच्चों से शेयर भी नहीं किया जाता है । मसलन किसी लड़की और दोस्त संग ट्रायंगल लव के किस्से वगैरह ।ऐसे मामलों में दगाबाजी करने वाले शातिर दोस्तों को याद करने के अंदर ही अंदर घुंटन महसूस करने से कोई भला नहीं होना है । इसलिए इन्हे क्यों याद करें ।
1- मुर्ख दुश्मन को : दुश्मन अगर चालाक हो तो उससे कुछ सीखा जा सकता है, लेकिन अगर दुश्मन मुर्ख और अशिक्षित हो तो उसे भूलकर आगे बढ़ना ही आपकी बुद्धिमानी होगी । मुर्ख दुश्मन को भूकर भी याद न करें ।
Post a Comment